कोरबा: 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को श्रमिक विरोधी करार देते हुए इसके खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है। श्रमिक संगठनों ने 20 मई को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। यह हड़ताल कोरबा जिले के कोयला खदानों के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक और निजी संयंत्रों में होगी।

श्रमिकों पर पड़ने वाले असर को लेकर चर्चा

श्रमिक संगठनों का कहना है कि इसमें वित्तीय संस्थाओं को भी शामिल किया गया है। दो दिन पहले नई दिल्ली में 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा राष्ट्रीय श्रमिक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन में श्रम कानूनों की समीक्षा की गई और श्रमिकों पर पड़ने वाले असर पर चर्चा की गई। श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए चार श्रम न्यायालयों का विरोध किया है और इसे वापस लेने की मांग की है।

श्रमिक संगठनों के सामने होगी बड़ी चुनौती

इसके अलावा श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार की कई नीतियों को श्रमिक विरोधी करार देते हुए इसके खिलाफ 20 मई को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस श्रमिक सम्मेलन में इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू के अलावा अन्य श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में कोयला खदान क्षेत्रों में श्रमिक संगठनों का सबसे अधिक दबदबा है। समय-समय पर आयोजित हड़तालों का असर भी खदान क्षेत्रों में देखने को मिलता है। उम्मीद है कि इस बार भी मजदूरों की हड़ताल का असर खनन क्षेत्र में ज्यादा देखने को मिलेगा। हालांकि कोयला खदानों में काम करने वाले ठेका मजदूरों को इस हड़ताल में शामिल करना मजदूर संगठनों के लिए बड़ी चुनौती होगी।