'हर हर महादेव!' की दिव्य गूंज के साथ गुरुवार तड़के अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) का पहला जत्था नुनवान बेस कैंप से रवाना हुआ। सुबह 3 बजे तंबुओं में शिवभक्तों की तैयारियों की हलचल थी। 3:50 बजे जैसे ही शंखनाद हुआ, वातावरण में भक्ति उमड़ पड़ी, जयकारों के साथ प्रशासन की ओर से रिजर्व 1600 वाहनों का काफिला चंदनवाड़ी की ओर रवाना हुआ। चंदनवाड़ी से सुबह 6 बजे पैदल यात्रा शुरू हुई।

पहाड़ियों की तीखी चढ़ाई

आरएफआइडी जांच और सुरक्षा घेरे के बाद शुरू हुई असली परीक्षा। पहाड़ियों की तीखी चढ़ाई। लेकिन जोश देखते ही बनता था, कोई घोड़े पर, कोई पालकी में, तो कोई नंगे पैर… हर एक की जुबां पर 'बोलो बम बम भोले!' पिस्सू टॉप पर पहली ऊंचाई का एहसास हुआ। नौ बजते-बजते हम जोजीपाल में पहुंच गए जहां विश्राम, भंडारा और भजनों से ऊर्जा मिली। आगे शेषनाग की चढ़ाई तीव्र और परीक्षा लेने वाली थी।

ऑक्सीजन की कमी हुई महसूस

सभी यात्रियों की तलाशी और बैग की जांच के बाद भोजन करके अगले पड़ाव की ओर निकल पड़े। दोपहर 2 बजे जब जत्था 14,500 फीट पर पहुंचा, तो ऑक्सीजन की कमी ने कई को मेडिकल कैंप तक पहुंचा दिया। पोषपत्री में आइटीबीपी ने राहत दी, चेकअप और भोजन की व्यवस्था के बाद अंतत: करीब शाम 6:30 बजे जत्था पंचतरणी पहुंचा, शुक्रवार सुबह बाबा बर्फानी के पवित्र दर्शन के लिए अंतिम पड़ाव की ओर कूच होगा।