विभागीय लापरवाही का बड़ा मामला: रिटायर कर्मचारी का ट्रांसफर ऑर्डर, सिस्टम पर उठे सवाल
स्वास्थ्य विभाग में एक अजब-गजब कहानी सामने आई है। जो कर्मचारी दो साल पहले रिटायर हो चुका है उसका नाम अब भी स्वास्थ्य विभाग के स्टेट लेवल के आफिस में चल रहा है। यानी वह रिटायर नहीं हुआ है और उसकी नौकरी सही सलामत है।
रायपुर की स्थानांतरण सूची
यही वजह है कि आज लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग महानदी भवन रायपुर की स्थानांतरण सूची में उसका नाम है। उसका मुख्य चिकित्या एवं स्वास्थ्य अधिकारी जांजगीर-चांपा से उसका स्थानांतरण सीएमएचओ आफिस गौरेला पेंड्रा मरवाही के लिए किया गया है। दरअसल, देवनारायण यादव सहायक ग्रेड-2 दो साल पहले रिटायर हो चुके हैं। इसके बाद भी उनका नाम स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख कार्यालय रायपुर से नहीं काटा गया है।
यानी राज्य स्तर के कर्मचारी भी कितने बदहवास स्थिति में हैं इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बड़ी बात यह है कि जिला मुख्यालय स्तर से भी उनका नाम क्या ऊपर नहीं भेजा गया है यह भी बड़ा सवाल है। फिलहाल इस तरह विभाग की बड़ी लापरवाही महकमे में जगहंसाई बना हुआ है।
संलग्नीकरण समाप्त फिर भी अस्थाई कर्मचारियों का अटैचमेंट
स्वास्थ्य विभाग में सभी की सेहत इन दिनों खराब चल रही है। यही वजह है कि एक से बढ़कर एक खामियां उभरकर सामने आ रही है। विभाग में संलग्नीकरण नहीं करना है लेकिन सीएमएचओ आफिस में जीवनदीप समिति के अस्थायी कर्मचारी को अटैच कर दिया गया है। इतना ही नहीं यहां दर्जनों कर्मचारी ऐसे हैं जो एक स्थान से दूसरे स्थान अटैचमेंट में हैं। सरकार के नियम इनके लिए मजाक बनकर रह गई है।