भोपाल : प्रदेश में 4 दिसम्बर को चयनित सेम्पल शालाओं में कक्षा-3, 6 और 9 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण किया जायेगा। सर्वेक्षण की रिपोर्ट का केन्द्र सरकार द्वारा नीति निर्धारण में उपयोग किया जायेगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य शिक्षा केन्द्र ने सर्वेक्षण कार्य में पारदर्शिता रखे जाने के निर्देश मैदानी अमले को दिये हैं। राष्ट्रीय सर्वेक्षण-2024 के संचालन की जिम्मेदारी एनसीईआरटी के पास है, जबकि सीबीएसई को सर्वेक्षण के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी गयी है।

प्रदेश में सर्वेक्षण के सुचारु और निष्पक्ष संचालन के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने स्पेशल ऑब्जर्वर नियुक्त किये हैं। यह ऑब्जर्वर जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक से तालमेल रखकर सर्वेक्षण की व्यवस्था को सुनिश्चित करेंगे। स्पेशल ऑब्जर्वर की जिलेवार नियुक्ति की गयी है। इसके साथ ही जिले में डिस्ट्रिक्ट लेवल को-ऑर्डिनेटर भी बनाये गये हैं। मैदानी अमले को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं कि जिन सेम्पल शालाओं में सर्वेक्षण का कार्य किया जायेगा, उन शालाओं में दर्ज विद्यार्थियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत हो।

मॉडल डाइट के रूप में चयन

केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश में संचालित डाइट्स का सर्वे किया गया है। सर्वे के बाद इन डाइट्स की अधोसंरचना एवं व्यावसायिक विकास के लिये विस्तृत योजना तैयार की गयी है। इस कार्य-योजना के आधार पर वर्तमान में प्रदेश के संचालित सभी डाइट्स को मॉडल डाइट के रूप में विकसित करने के लिये चयनित किया गया है। वर्ष 2023-24 में भोपाल, सीहोर, मंदसौर, सागर, ग्वालियर, खण्डवा, रीवा और जबलपुर डाइट को मॉडल डाइट के रूप में विकसित करने के लिये विकास योजना तैयार कर ली गयी है। प्रदेश में वर्तमान में संचालित 50 डाइट्स के माध्यम से शासकीय शालाओं में कार्यरत शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है।