शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन सोमवार (2 दिसंबर) को संसद में जमकर हंगामा हुआ। सुबह 11 बजे लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अडानी का मुद्दा उठाया। विपक्षी सांसदों ने वी वांट जस्टिस के नारे लगाने शुरू कर दिए। हंगामे के चलते स्पीकर ने महज पांच मिनट में कार्यवाही स्थगित कर दी। वहीं, राज्यसभा में भी विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया।

राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित

राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष की मांग है कि सरकार उनके सवालों का जवाब दे। वहीं, सरकार इस सत्र के दौरान कई अहम विधेयकों पर चर्चा के लिए विपक्ष से सहयोग मांग रही है।

थरूर: सरकार को विपक्ष की बात सुननी चाहिए

संसद में विपक्षी दल मौजूदा सत्र की शुरुआत से ही अडानी का मुद्दा लगातार उठा रहे हैं। इसके साथ ही विपक्षी सांसद संभल में हुई हिंसा और अन्य मामलों को लेकर सरकार को घेर रहे हैं। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि सरकार को विपक्ष की बात सुननी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में गठबंधन नेताओं ने रणनीति बनाई। विपक्ष का आरोप है कि सरकार संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा से बच रही है।